Monday, April 25, 2011

ऐ चाँद !


ऐ चाँद !
तुम क्यूँ इतना करीब आये ?
विशाल समंदर मेरे भीतर ठहरा हुआ था
तुम उसको छलका गए ....!!! शोभा

1 comment:

  1. कम शब्दों में बहुत सुन्दर कविता।

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