तुम क्यों हो मुझसे दूर ??
'तुम्हारे बिना'.. मैं कुछ भी नहीं
आरोपों की 'गठरी' बन के रह गई हूँ
बस , अब 'देर न हो जाये कही'...
'जो' अभी हूँ , वो मैं नहीं हूँ
मिलने के बाद तुमसे ...
'जो'.. हो जाऊँगी , वही मेरा 'सच' होगा
अपने रंग में रंग लो मुझे
तुम भी... 'अपना सच' बना लो मुझे...~शोभा
bahut sundar rachna ..!!
ReplyDeleteblog ki dunia men swaagat hai......achhi rachna.....:))
ReplyDeleteVasundhara n Khushi ji , thanx a lot ..:)
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