सफ़र है कठिन
आसान इसे तुम्हें स्वयं ही करना होगा
इन् बाधाओं से तुम्हें अकेले ही लड़ना होगा
न बनो इतने लाचार
ढेरो खुशियाँ फूल बनी बिखरी हैं राहों में
कुछ चुनकर इनमें से ..
महका लो अपना जीवन
कर लो अपने अधूरे सपने को साकार
खता नहीं है कोई ,फूलों से सुगंध चुराना ...
और बादल का इक टुकड़ा अपनाकर उसमें भीग जाना
मृगमरीचिका नहीं हैं खुशियाँ
इनको हासिल कर ..
अपने जीवन के हर पल को ..
जी भरकर जी लो .......
शोभा
आसान इसे तुम्हें स्वयं ही करना होगा
इन् बाधाओं से तुम्हें अकेले ही लड़ना होगा
न बनो इतने लाचार
ढेरो खुशियाँ फूल बनी बिखरी हैं राहों में
कुछ चुनकर इनमें से ..
महका लो अपना जीवन
कर लो अपने अधूरे सपने को साकार
खता नहीं है कोई ,फूलों से सुगंध चुराना ...
और बादल का इक टुकड़ा अपनाकर उसमें भीग जाना
मृगमरीचिका नहीं हैं खुशियाँ
इनको हासिल कर ..
अपने जीवन के हर पल को ..
जी भरकर जी लो .......
शोभा
खता नहीं है कोई ,फूलों से सुगंध चुराना ...
ReplyDeleteऔर बादल का इक टुकड़ा अपनाकर उसमें भीग जाना
क्या कहने। सच में सुंदर भाव, बेहतरीन रचना
प्रेरक प्रस्तुति - बहुत सुंदर
ReplyDeleteअति सुंदर .....
ReplyDeletenice
ReplyDeleteअच्छी ..एक सुलझी हुई ..प्रेरणास्पद रचना
ReplyDelete'मृग मारीचिका नहीं हैं खुशियाँ '
नहीं ,बिलकुल नहीं ..हाथ बढाओ और समेट लो ...
bahut shukriya Vandana ji !
Deleteसुन्दर प्रेरणादायी रचना शोभा
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