हाँ, मैं चोरनी हूँ ..:)
चुपके से कुछ खूबसूरत पल
चुरा लेतीं हूँ ...
जब भी देखे तुमने ,
मेरी आँखों के भीगे कोर
हर बार ही तुमने अनदेखा किया
एक बार जो देखा मुस्कुराते हुए
चौंक गए थे तुम
और मैं सहम गयी थी
भूल गयी थी मुस्कुराना
फूलों संग खिलखिलाना
चिड़ियों संग आसमाँ में उड़ना
तितलियों के पीछे भागना
चुपके से ही सही
सुबह की धूप देखकर मुस्कुरातीं हूँ
फूलों संग खिलखिलातीं हूँ
उन्हीं के जैसी महकती हूँ
चिड़ियों संग उड़तीं हूँ
उन्हीं के जैसी चहकती हूँ
तितलियों के पीछे भागतीं हूँ
उन्हीं के रंगों में रंग जाती हूँ
हाँ , मैं चोरनी हूँ ...:)
चुपके से कुछ खूबसूरत पल
चुरा लेतीं हूँ ...
~ ~ शोभा ~ ~
बहुत खूबसूरत रचना...
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