Saturday, September 17, 2011

जब से प्रिय संग




पुलकित नयन


हिय हर्षित


निशा सुहाई


हिय प्रीत समायी


जब से प्रिय संग


नेह लगायी






हृदयांगन


पुष्प खिले


रैन चाँदनी


देख शरमाई


जब से प्रिय संग


नेह लगायी ....


7 comments:






  1. आदरणीया शोभा जी
    सादर अभिवादन !

    बहुत सुंदर रचना है -
    पुलकित नयन
    हिय हर्षित
    निशा सुहाई
    हिय प्रीत समायी


    काश ! ऐसी सुंदर रचनाएं विस्तृत भी हों …
    ताकि
    अधिक समय तक आनन्द - सागर में गोते लगाने का अवसर मिले …
    :)

    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete
  2. सुंदर भाव .... दिल से निकली रचना !

    ReplyDelete
  3. हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    ReplyDelete
  4. शोभा जी नमस्कार्। सुन्दर भावों से सजी रचना।

    ReplyDelete
  5. aha.. kya khoob likha hai di aapne..

    ReplyDelete