Sunday, April 17, 2011

ये खूबसूरत चाँद

ये खूबसूरत चाँद
पूरा पूनम का चाँद
खामोश रातों का ये हमसफ़र चाँद
धरा के रोम-रोम को ..
रौशनी से सराबोर करता ये चाँद
दीदार तो हमने कर लिया जी भर के
अब ख्वाहिश ये जागी है ..
के एक बार छू लूँ ये चाँद
इसके काले दाग को ..
अपनी आँखों का काजल बना लूँ
 करीब तो ये पहले भी था
अब इसे अपनी पलकों में छिपा लूँ
और बस,
इसकी शीतल तपिश को महसूस करूँ

1 comment:

  1. बहुत रोचक और सुन्दर अंदाज में लिखी गई रचना .....आभार

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