Monday, August 27, 2012

आत्मविश्वास

वो घर में अकेली खुद को अवसाद की स्थिति से निकलने की कोशिश कर रही थी ..... सुबह की भागदौड़ .. एक छोटी सी गलती पर इतने चुभते हुए शब्द उसे सुनने पड़े .. एक उम्र गुजार दी उसने उन दीवारों में जिसमें से वो सुबह के सूरज की नर्म धूप तो शायद ही कभी महसूस कर पाती थी .. हाँ ... चूल्हे की विचलित कर देने वाली ताप ..छौंक की घुटन और कुछ देर बाद ही अपने शरीर से निकले पसीने की दुर्गन्ध से उसका रोज ही साक्षात्कार हो
 जाता था ..
सुबह का समय .. सबके अपने अपने लक्ष्य निर्धारित थे .. मशीन बने सब अपने लक्ष्य की ओर भाग रहे थे .. किसे फिक्र थी उसकी .. माइग्रेन की मरीज़ उसने दिन चढ़े ग्यारह बजे तक कुछ खाया नहीं .. उसके खाली पेट में जब तेज़ाब बनेगा उसकी तीव्र जलन उसके सर तक पहुंचेगी .. तब या तो वो अकेली उससे जूझेगी ...या खा लेगी वो गोली जो उसे सर दर्द से तो छुटकारा देगी .. लेकिन उसकी खाली आँतों में एक नासूर भी जन्म देकर जाएगी ...
खाली घर .. अकेली कुछ देर सुस्ताते हुए उसने उसे फ़ोन किया ... उसके भी एक एक शब्द उसे यूँ लगे जैसे उसका उसके प्रति प्यार नहीं ..एक असहाय .. दुखयारी औरत के प्रति अपनी संवेदनाये जता रहें हो ... अपने प्रति मन में घृणा का भाव लिए ये सोचती हुई क्या तलाश कर रही है अपने लिए .. वो सब कुछ तो है उसके पास जो देखकर समाज उसे सुखी समझता है ... जो खालीपन और दुःख उसके जीवन में है वो तो खुद वो ही महसूस कर सकती है ... किसी को दिखा नहीं सकती ...? यही सब सोचते हुए वो उनींदी में चली जाती है ..
डोरबेल की आवाज़ से उसकी नींद खुलती है .. दरवाजा खोलती है .. सामने कुरियर वाले को देखकर ये सोचते हुए लिफाफा उसके हाथ से ले लेती है कि फ़ोन का बिल होगा .. लेकिन लिफाफे पर सेंडर का नाम देखकर हर्ष और चकित कर देने वाला भाव अपने चेहरे से छिपाते हुए जल्दी से रिसीप्ट पर सिग्नेचर करती है और दरवाजा बंद करके जल्दी जल्दी लिफाफा खोलती है ..ये कुरियर उसी के लिए था ...लिफाफा खोलते ही एक ख़ुशी खाली घर में ज़ोर की आवाज़ के साथ गूंजती है ...उसी घर में जहां कुछ देर पहले मृत्युतुल्य सन्नाटा फैला हुआ था ... वो खुद को जवाब देती है तुम्हारा अपना अस्तित्व है .. तुम्हारा भी अपना एक लक्ष्य है .. कोई हो न हो समय तुम्हारे साथ है ... अपना आत्मविश्वास मत डोलने देना .. लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढती जाओ ....

( ज़िन्दगी में दुःख ..धूप छाँव की तरह हैं .. समय समय पर वो ताप और शीतलता का अहसास देती रहती है )

Sunday, August 12, 2012

"चलो, लौट चलें.."