Friday, November 16, 2012

इंसान कहाँ था

दिल ने जो महसूस किया
वो .....सच था
आँखों ने जो देखा
वो...... विश्वास था
दिमाग़ ने कुछ समझा
वो थी ....दुविधा

क्या गलत था ..!!!

जो महसूस किया
या .... जो देखा

इस देखने
सोचने
समझने में
इंसान कहाँ था .... !!!
( शोभा )

2 comments:

  1. सही में इंसान कहाँ होता है...बहुत खूब |

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  2. बेजोड़ भावाभियक्ति....

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