Friday, November 18, 2011

आँखें





जब गढ़ा होगा खुदा ने तुम्हें

गढ़ते वक़्त तुम्हारी आँखें

रोशन हुई होंगी उसकी आँखें

क्या गढ़ लिया तुमने इन आँखों में

देखकर इन्हें सहमी , डरी

कभी जमीं , तो कभी आसमाँ में

पनाह माँगती हैं,मेरी आँखें .... ( शोभा )

5 comments:

  1. is jahan ki nahi hain tumhari aankhen, aasma se ye kisne utari aankhen...

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  2. वाह ...बहुत ही बढि़या ।

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  3. ye aakhe dekhar hum sari duniya bhul jate hai..

    गढ़ते वक़्त तुम्हारी आँखें
    रोशन हुई होंगी उसकी आँखें
    bahut achchi panktiya...

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