Sunday, August 12, 2012

"चलो, लौट चलें.."



3 comments:

  1. शोभा जी, आपकी इन पंक्तियों में जीने के आस्वाद का गहरा अहसास है | समय और संबधों को नया जीवन और ऊर्जा देने वाली आपकी इन काव्य-पंक्तियों में प्रकट हुई अभिव्यक्ति हमारी संवेदन सम्पदा में वृद्धि करती है |

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  2. khubsurat yaade jinme baar-baare dubne ko dil karta hai.....

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  3. बेहद गहरे अर्थों को समेटती खूबसूरत और संवेदनशील रचना

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