Sunday, December 12, 2010

**** सन्मार्ग ****

खुद पर तू गुमान न कर ए खुदा के बन्दे ...
कर दे खुद को तू उसके हवाले ...

खाक में मिल जायेगा इक दिन तू ...
फिर क्यों ख्वाब हैं तूने इतने पाले ...

जा उसी के दर पे तू ...
देख खड़ा है वो बांह पसारे ...

इक छलावा है मंजिल तेरी ...
काहे उस ओर चला रे ....

कब तक भटकेगा , अब तो थम जा ...
राह तक रहे तेरा ...
उसके बहुतेरे आगोश ...

सारे भ्रमों से ऊपर उठ तू ...
रहे सिर्फ उसी का होश ...

वजह वही है वजूद की सबके ...
वही है सबका खेवनहार ...

कर ले बन्दे तू इस सच्चाई को स्वीकार ....

खुद पर तू ......

!!!! शोभा !!!!

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