tag:blogger.com,1999:blog-493780235744013467.post5221020577498085111..comments2023-07-15T07:18:30.271-07:00Comments on उड़ान ( एक छोटी सी कोशिश ): "रेड लाइट पर बिलखती भूख"shobha mishrahttp://www.blogger.com/profile/17523944890996754964noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-493780235744013467.post-25220084926421221912013-01-29T22:00:16.265-08:002013-01-29T22:00:16.265-08:00करार चोट ....यही यथार्थ है ..बहुत खूब करार चोट ....यही यथार्थ है ..बहुत खूब Nityanand Gayenhttps://www.blogger.com/profile/14656349243336915008noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493780235744013467.post-10981414114855065222012-10-16T08:03:24.399-07:002012-10-16T08:03:24.399-07:00भावनाओ को धुए मे उड़ाती ऐसी कवियत्रियों पर करारा व्...भावनाओ को धुए मे उड़ाती ऐसी कवियत्रियों पर करारा व्यंग लिखा है आपने Praveena joshihttps://www.blogger.com/profile/15007987275551928151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493780235744013467.post-72315052226829251092012-10-13T07:09:53.988-07:002012-10-13T07:09:53.988-07:00मखमली बिस्तर पर
बेसुध गहरी नींद सोती कवयित्री
नहीं...मखमली बिस्तर पर<br />बेसुध गहरी नींद सोती कवयित्री<br />नहीं लिख पाती<br />फुटपाथ पर करवट बदलते<br />नौनिहालों की जागती रातें<br /><br />....sach hai !!!BHARAT SHOBHAWAT KOTRIhttps://www.blogger.com/profile/08895967611103522358noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493780235744013467.post-9177870506757323262012-10-09T22:28:09.073-07:002012-10-09T22:28:09.073-07:00सार्थक , सशक्त नए रूप रंग से भरी रचना ले जाती है य...सार्थक , सशक्त नए रूप रंग से भरी रचना ले जाती है यथार्थ के समक्ष !!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493780235744013467.post-63774526909731279042012-10-09T07:44:41.535-07:002012-10-09T07:44:41.535-07:00सुंदर और मार्मिक रचना.सुंदर और मार्मिक रचना.Madanlal Shrimalihttps://www.blogger.com/profile/05232086239459047989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493780235744013467.post-9819563405689620962012-10-09T02:52:04.022-07:002012-10-09T02:52:04.022-07:00कुछ अलग..गहरे एहसास लिए हुई कविता|बहुत खूब...|कुछ अलग..गहरे एहसास लिए हुई कविता|बहुत खूब...|मन्टू कुमारhttps://www.blogger.com/profile/00562448036589467961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493780235744013467.post-71767470388952481442012-10-09T01:06:34.056-07:002012-10-09T01:06:34.056-07:00बहुत ही सार्थक और चोट करती रचना
ए सी रूम से निकल
...बहुत ही सार्थक और चोट करती रचना<br /><br />ए सी रूम से निकल<br />ए सी गाड़ी में बैठ<br />कविता-पाठ करने वाली<br />कवयित्री लिख नहीं पाती<br />जेठ की धूप में ईंट ढोती<br />मजदूरन का दर्द<br /><br />सच है...महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493780235744013467.post-68516242170142595602012-10-09T00:55:13.712-07:002012-10-09T00:55:13.712-07:00बहुत गंभीर कविता, पर अफसोस इन्हीं कावियत्री जी रचन...बहुत गंभीर कविता, पर अफसोस इन्हीं कावियत्री जी रचना नाम कमाती है..<br />Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-493780235744013467.post-44648025353795820382012-10-09T00:21:18.727-07:002012-10-09T00:21:18.727-07:00भूख से बिलखते अपाहिज को देख कर कार के शीशे चढ़ा ले...भूख से बिलखते अपाहिज को देख कर कार के शीशे चढ़ा लेने वाला व्यक्ति एक कविता तो नहीं रच सकता. और रच भी ले तो वो कविता राग और कोमल अहसासों से रिक्त होगी, 'सफल' नहीं हो सकती . <br />कविता वो अहसास, दर्द और मीठे भाव होते हैं जो किन्ही कारणों से व्यक्त नहीं हो पाते. Mukharhttps://www.blogger.com/profile/04525949127782739699noreply@blogger.com